वहीं 1995 में मौलाना इनामउल हसन का इंतकाल हुआ, जिसके बाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने को लेकर विवाद भी हुआ था। 2015 में मौलाना जुबैर का इंतकाल होने पर कमेटी में अब्दुल वहाब ही बचे। खाली पदों को भरने के लिए भी विवाद हुआ और दो गुट बन गए। दूसरे गुट ने अलग होकर तुर्कमान गेट पर मस्जिद से जमात का काम शुरू कर दिया। तब से मौलाना साद ही तब्लीगी जमात के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालते रहे।
वहीं 1995 में मौलाना इनामउल हसन का इंतकाल हुआ, जिसके बाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने को लेकर विवाद भी हुआ था। 2015 में मौलाना जुबैर का इंतकाल होने पर कमेटी में अब्दुल वहाब ही बचे। खाली पदों को भरने के लिए भी विवाद हुआ और दो गुट बन गए। दूसरे गुट ने अलग होकर तुर्कमान गेट पर मस्जिद से जमात का काम शुरू कर दिया। तब से मौलाना साद ही तब्लीगी जमात के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालते रहे।